Let’s gather together to learn and spread Sanskrit across the boundaries and be a part of a noble cause. तेजस्विनावधीतमस्तु
कथं क्रीडीकरणम् अध्ययनाय उपकारकम् भवति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 भारत के स्वर्णिम भविष्य की स्वप्न-साधिका है । यह नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक विज्ञान के संयोजन का प्रस्ताव करती है । शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए संस्कृत सेवी संस्थाओं एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं को मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है । मुझे अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि लिटिल गुरु संस्था के सहयोग से केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के द्वारा इस वर्ष प्रथम ऑनलाइन अन्तरराष्ट्रीय गीता ओलम्पियाड् (IGO) का आयोजन किया जा रहा है । अन्तरराष्ट्रीय गीता ओलम्पियाड् माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए एक ऐसा अभिनव अवसर है, जहां वे नवीनतम यान्त्रिक बुद्धिमत्ता से संचालित प्रोद्योगिकियों और परम्परागत पद्धतियों के साथ सरल एवं आनन्ददायक तरीके से गीता के सद्विचारों का अध्ययन कर सकेंगे । यह ओलम्पियाड् एक ऐसा अभिनव प्रयास है जिसमें प्रतिवर्ष क्रीडायुक्त शिक्षण पद्धति से गीता अध्ययन एवं परीक्षण का एक व्यापक अवसर सभी के लिए सुलभ हो सकेगा । मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह अभिनव उपक्रम श्रीमद्भगवद्गीता के सदुपदेशों को सकल विश्व में सम्प्रसारित करने के महत्तर लक्ष्य की पूर्ति में महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में सम्प्रतिष्ठित होगा ।
-प्रो. श्रीनिवास वरखेडी कुलपति, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्लीराष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 भविष्य के भारत की स्वप्न साधिका है। यह नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक विज्ञान के संयोजन का प्रस्ताव करती है। शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए संस्कृत सेवी संस्थाओं एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं को मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है। मुझे अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और लिटिल गुरु के संयुक्त तत्त्वावधान में इस वर्ष प्रथम ऑनलाइन संस्कृत ओलंपियाड 2023-24 का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृत ओलंपियाड अखिल भारतीय स्तर के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए एक ऐसा अभिनव अवसर है, जहां वे नवीनतम यान्त्रिक बुद्धिमत्ता से संचालित प्रौद्योगिकियों और परम्परागत पद्धतियों के साथ, सरल एवं आनन्ददायक तरीके से संस्कृत अध्ययन कर सकेंगे । संस्कृत ओलंपियाड एक ऐसा ही अभिनव प्रयास है जिसमें प्रतिवर्ष क्रीडायुक्त शिक्षण पद्धति से संस्कृत अध्ययन एवं परीक्षण का एक व्यापक अवसर सभी के लिए सुलभ हो सकेगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि संस्कृत भाषा के जन भाषा बनाने की लक्ष्यसिद्धि प्राप्त करने के लिए संस्कृत ओलंपियाड एक अग्रगण्य वार्षिक गतिविधि के रूप में लोकप्रिय होगा।
-प्रो. श्रीनिवास वरखेडी कुलपति, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली