श्रीमद्भगवद्गीता संसार में सर्वमान्य ग्रन्थ विशेष तो है ही साथ ही साथ जनकल्याण के परिप्रेक्ष्य में विविध दृष्टि-सृष्टियों का भी निर्माता है । संवाद शैली (Communication Style) में विरचित यह दिव्य रसायन पल-पल हमें दिशा-निर्देश तो प्रदान करता ही है, पग-पग पर हमें सावचेत भी करता है । वस्तुतः मस्तिष्क विकास (Mind Development) के धरातल पर जीवन जीने की कला (The Art of Life) प्रभावी सम्भाषण, कार्य के प्रति समर्पण, आत्म-विश्वास की अभिव्यक्ति, मन की स्थिरता तथा एकाग्रता, भारतीय जीवन मूल्यों के प्रति बोध-शक्ति का विकास एवं जिज्ञासा के समाधान का यदि कोई समाधान है तो वह श्रीमद्भगवद्गीता में है ।
इसी अभिनव दृष्टि को आत्मसात् करते हुए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय , नई दिल्ली द्वारा पहली बार खेल के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता-ओलम्पियाड् का संयोजन एवं आयोजन किया जा रहा है । इसमें विश्व के सभी लोग भाग लेकर आत्मविकास (Self Development) की राह आसानी से चुन सकते है । यह प्रकल्प इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि ओलम्पियाड् विधि से भारतीय ज्ञान सम्पदा का अभिज्ञान सभी व्यक्तियों को सुचारु रूप से हो जिससे उनका बौद्धिक आध्यात्मिक , आर्थिक सामाजिक तथा नैतिक विकास सम्भव हो सके ।
Let’s gather together to learn and spread Sanskrit across the boundaries and be a part of a noble cause. तेजस्विनावधीतमस्तु
कथं क्रीडीकरणम् अध्ययनाय उपकारकम् भवति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 भविष्य के भारत की स्वप्न साधिका है। यह नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली और आधुनिक विज्ञान के संयोजन का प्रस्ताव करती है। शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए संस्कृत सेवी संस्थाओं एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं को मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है। मुझे अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और लिटिल गुरु के संयुक्त तत्त्वावधान में इस वर्ष प्रथम ऑनलाइन संस्कृत ओलंपियाड 2023-24 का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृत ओलंपियाड अखिल भारतीय स्तर के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए एक ऐसा अभिनव अवसर है, जहां वे नवीनतम यान्त्रिक बुद्धिमत्ता से संचालित प्रौद्योगिकियों और परम्परागत पद्धतियों के साथ, सरल एवं आनन्ददायक तरीके से संस्कृत अध्ययन कर सकेंगे । संस्कृत ओलंपियाड एक ऐसा ही अभिनव प्रयास है जिसमें प्रतिवर्ष क्रीडायुक्त शिक्षण पद्धति से संस्कृत अध्ययन एवं परीक्षण का एक व्यापक अवसर सभी के लिए सुलभ हो सकेगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि संस्कृत भाषा के जन भाषा बनाने की लक्ष्यसिद्धि प्राप्त करने के लिए संस्कृत ओलंपियाड एक अग्रगण्य वार्षिक गतिविधि के रूप में लोकप्रिय होगा।
-प्रो. श्रीनिवास वरखेडी कुलपति, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली